주일낮설교(한영중)

एक दयालु भगवान


34:1-7

फिर यहोवा ने मूसा से कहा, पहिली तख्तियों के समान पत्थर की दो और तख्तियां गढ़ ले; तब जो वचन उन पहिली तख्तियों पर लिखे थे, जिन्हें तू ने तोड़ डाला, वे ही वचन मैं उन तख्तियों पर भी लिखूंगा।

2 और बिहान को तैयार रहना, और भोर को सीनै पर्वत पर चढ़कर उसकी चोटी पर मेरे साम्हने खड़ा होना।

3 और तेरे संग कोई चढ़ पाए, वरन पर्वत भर पर कोई मनुष्य कहीं दिखाई दे; और भेड़-बकरी और गाय-बैल भी पर्वत के आगे चरते पाएं।

4 तब मूसा ने पहिली तख्तियों के समान दो और तख्तियां गढ़ी; और बिहान को सवेरे उठ कर अपने हाथ में पत्थर की वे दोनों तख्तियां ले कर यहोवा की आज्ञा के अनुसार पर्वत पर चढ़ गया।

5 तब यहोवा ने बादल में उतर के उसके संग वहां खड़ा हो कर यहोवा नाम का प्रचार किया।

6 और यहोवा उसके साम्हने हो कर यों प्रचार करता हुआ चला, कि यहोवा, यहोवा, ईश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त, और अति करूणामय और सत्य,

7 हजारों पीढिय़ों तक निरन्तर करूणा करने वाला, अधर्म और अपराध और पाप का क्षमा करने वाला है, परन्तु दोषी को वह किसी प्रकार निर्दोष ठहराएगा, वह पितरों के अधर्म का दण्ड उनके बेटों वरन पोतों और परपोतों को भी देने वाला है।

 

 

एक गृहिणी अपने प्यारे परिवार के बारे में सोचते हुए एक स्वादिष्ट रात का खाना बनाने के लिए बाजार गई। उसने यहां-वहां सब्जियां, मांस और फल खरीदे। और जैसे ही वह मछली की दुकान से गुज़री, वहाँ कई तरह की मछलियाँ थीं। जब भी संभव हो, वह ताज़ी, ताज़ी मछली खरीदने के लिए आगे-पीछे घूमती है। क्योंकि उसने जो मछली देखी थी, वह अपनी ताजगी खो चुकी थी।

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